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गाजीपुर बॉर्डर पर जो लोग धरने पर बैठे है वो लोग किसान नही आंतकवादी है, ठा० भानु प्रताप सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन भानु

खबर वाणी भगत सिंह

मुज़फ्फरनगर। कृषि कानून के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रिय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत देश भर में एक बड़े किसान नेता के रूप में जरूर उभर कर आये है लेकिन उनकी कृषि कानून को लेकर हठधर्मिता के चलते राकेश टिकैत पर अन्य किसान संगठनों द्वारा आरोप प्रत्यारोप के मामले भी सामने आने लगे है,1980 के दशक में बाबा महेंद्र सिंह टिकैत के साथ रहे उनके बेहद करीबी किसान नेता ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने महेंद्र सिंह टिकैत के बाद भारतीय किसान यूनियन से अलग होकर भारतीय किसान यूनियन भानु के नाम से अपना अलग किसान संगठन बना लिया है।

केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून के पक्षधर ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने आज मुज़फ्फरनगर जिला कलक्ट्रेट परिसर में चौधरी राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाते हुए आग बबूला हो गए। उन्होंने बताया की मैं भारतीय किसान यूनियन भानु का राष्ट्रिय अध्यक्ष हूँ इस लिए आज जिलाधिकारी महोदय से मिलने आया हूँ की भारतीय किसान यूनियन भानु का कोई भी कार्य करता या पदाधिकारी 100 प्रतिशत ईमानदारी के साथ काम करता है।

हमारा कोई भी कार्य कर्ता  अनुशासनहीनता नहीं करता, आतंकवाद नहीं करता, जिस तरह राकेश टिकैत दिल्ली बॉर्डर पर आतंकवाद फैला रहे है कभी कोई वंहा आता है तो उसे मारते है ,कभी कहते है की लखनऊ को दिल्ली बना दूंगा, कभी कहते है की संसद में गेंहू भर दूंगा। उन्होंने कहा की संसद में गेंहू नहीं भरे जाते संसद में मंत्री बैठते है वंहा कानून बनता है और वंही से कानून पास भी होता है।

इस लिए मै जिलाधिकारी से ये कहने आया था की ये मत समझिये की यंहा भारतीय किसान यूनियन का संगठन चलता है यंहा भानु का भी संगठन चलता है।कांग्रेस जो आज कह रही है की वो किसानो की बहुत बड़ी हितैषी है आज जो दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन चल रहा है वो कांग्रेस और भाजपा के विरोधी गुट इस आंदोलन को फंडिंग कर रहे है।

ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा की  5 सितम्बर को मुज़फ्फरनगर में किसान पंचायत होने जा रही है उसमे कोई किसान,या ईमानदार जाट नेता शामिल नहीं होगा। उसमे सिर्फ शराबी और फंडिंग से तनख्वा लेने वाले लोग ही शामिल होंगे पंचायत में कोई जाट शामिल नहीं होगा क्योंकि जाटों का इतिहास रहा है कि जाट देश के लिए जान न्योछावर करने वाला समाज रहा है।

जाट ईमानदार रहा है इनके पिता महेंद्र सिंह टिकैत भी ईमानदार रहे है  लेकिन ये पता नहीं कहा से आ गए। राकेश टिकैत कोई ईमानदार नेता नहीं है राकेश टिकैत ने जब से भारतीय किसान यूनियन की कमान संभाली है तभी से दलाली करनी शुरू कर दी है वह 100 प्रतिशत बेईमान है।

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