पेट्रोल पंप पर हुए दो पक्षों में संघर्ष के दौरान डेढ़ दर्जन हुए घायल, मीडिया को देर रात तक नही दी कोई जानकारी, फायरिंग की भी सूचना
संघर्ष के चलते मुख्य सड़क पर जा रहे राहगीरों सहित ग्रामीणों में भी मचा हड़कंप
फरीद अहमद / भगत सिंह
आखिर पुलिस देर शाम तक मामले को दबाने में क्यो लगी रही, मिडिया को भी आखिर पुलिस द्वारा सही जानकारी नही दिए जानेे का मतलब क्या
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के जनपद मुज़फ्फरनगर के क़स्बा खतौली अंतर्गत गांव भैंसी के समीप एक सी ऍन जी पेट्रोल पम्प पर गैस,पेट्रोल भरवाने के दौरान गाड़ियों के आगे पीछे करने में हुए मामूली से विवाद के चलते दो पक्षों में जबरदस्त खूनी संघर्ष हो गया। संघर्ष इतना जबरदस्त हुआ की मामला गांव तक जा पहुंचा और ग्रामीण व् वाहन चालकों में हुए इस खूनी संघर्ष के चलते लगभग डेड दर्जन लोग घायल हो गए बताया जा रहा है की इस संघर्ष के दौरान हवाई फायरिंग भी की गई उधर घटना की सूचना मिलते ही भारी फ़ोर्स भी मोके पर पहुंच गया जिसके चलते पुलिस ने सभी घायलों को उपचार के चलते अस्पताल में भर्ती करा मामले की तहकीकात शुरू कर दी खास बात यह रही की खतौली पुलिस इस पूरे मामले को देर शाम तक भी दबाने में लगी रही मिडिया की दखल के बावजूद भी पुलिस ने किसी भी घायल या पकड़े गए व्यक्ति की नाम डिटेल देना भी गंवारा नही समझा खुद थाना प्रभारी भी टाल मटोल करते रहे, बड़ा सवाल आखिर खतौली पुलिस जब अपने गुड़ वर्क को तमाम पत्रकारों से साझा करती है तो फिर इस तरह की घटनाओ पर पर्देदारी क्यों।
दरअसल पूरा मामला, खतौली कोतवाली क्षेत्र के दिल्ली देहरादून रोड पर स्थित गांव भैंसी के समीप एक पैट्रोल पम्प का है।
जहा सीऍनजी, पैट्रोल डालते समय कार को आगे पीछे खड़ी करने को लेकर कार सवार बारातियो और पैट्रोल कर्मियों में हल्की फुलकी से बात को लेकर विवाद हो गया जिसके चलते दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हो गई।
बताया जा रहा है की यहां पैट्रोल पम्प पर सेल्समेन के साथ हुए झगड़े के बाद बराती व् उनके वाहन चालक पास ही के भैसी गाँव में भागकर पहुँचे जहां उनका एक बार फिर ग्रामीणों से भी संघर्ष हो गया जिसमे दोनों तरफ से लगभग डेड दर्जन लोगो को चोटे आई है।
उधर घटना की सूचना पाकर पुलिस ने गाँव में पहुँचकर घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराकर मौके से कई लोगो को हिरासत में भी लिया है साथ ही साथ इस संघर्ष में बारातियो की एक कार और दो मोटरसाईकिलो को भी कब्जे में लेकर थाने भेज दिया गया।
इस मामले में ग्रामीणों का कहना है,कि दोपहर में अचानक 20 से 25 लोग एक कार और कई बाइकों से गाँव में घुसे और जो भी मिलता रहा उसी के साथ ये लोग मार पीट करते रहे।
जिसके बाद ग्रामीणों ने इन्हे भी चारो तरफ़ से घेर लिया तो ये अपनी कार और मोटरसाईकल छोड़कर फायरिंग करते हुए भागने लगे लेकिन ग्रामीणों ने तक़रीबन दर्जन भर लोगो को पकड़कर पुलिस को दे दिया है।
उधर मोके पर पहुंची पुलिस ने जहां डेड दर्जन घायल हुए लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है तो वहीं इस पूरे मामले की तहकीकात में जुट गई है बताया जा रहा है की पकड़ी गई कार से अवैध असलाह भी बरामद हुआ है।
खतौली पुलिस इस पूरे मामले को दबाने में जुटी रही देर शाम को जब थाना प्रभारी खतौली से इस सम्वन्ध में जानकारी लेनी चाही तो दोपहर की घटना के बारे में देर शाम तक भी खतौली कोतवाल नाम डिटेल देने में आना कानी करते दिखे।
बड़ा सवाल जब खतौली पुलिस अपने हल्के /भारी गुड़ वर्क के लिए तमाम पत्रकारों से डिटेल साझा करती है तो फिर आखिर ऐसी घटना को क्यों छिपाया जा रहा है।