भाजपा के प्रत्याशी जमकर उड़ा रहे आचार संहिता की धज्जियां, मीरापुर व बुढ़ाना में प्रत्याशियों ने ढोल नगाड़ों के साथ रखा सम्मान समारोह
सत्ताधारी ही उड़ा रहे आचार संहिता की धज्जियाँ, स्थानीय पुलिस को भनक तक नही
खबर वाणी भगत सिंह
मुज़फ्फरनगर। एक तरफ जहां देश भर में कोरोना अपने पैर पसार रहा है तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सहित अन्य कई राज्यों में चुनावी बिगुल बज चुका है, केंद्र सरकार और शासन की गाइड लाइन के अनुसार कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती के साथ पालन कराया जा रहा है, तो वही चुनाव आयोग द्वारा भीड़- भाड़ नहीं करने के सख्ती के साथ सभी जिलों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं। लेकिन बावजूद इसके मुजफ्फरनगर में सत्ताधारी ही खुलेआम आचार संहिता की धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं, यहां तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि एक तरफ जहां ढोल नगाड़े बज रहे हैं तो वहीं भारी भीड़ भाजपा प्रत्याशी को कंधों पर उठाकर बुढ़ाना कस्बे में भीड़ के बीच खुलेआम घूम रही है।
वही मीरापुर प्रत्याशी ने भी आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए बीच सड़क पर फूल मालाओं और ढोल नगाड़ों के साथ कार्यकर्ताओं को इकट्ठा किया है। बड़ा सवाल आखिर स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन को इन पूरे मामले की भनक तक नहीं लगी क्या जिले के आला अधिकारी इस तरफ ध्यान देंगे।
दरअसल पूरा मामला जनपद मु०नंगर के बुढ़ाना कस्बे औऱ मीरापुर विधानसभा क्षेत्र का है। जहां आज दोपहर बीजेपी के प्रतियाशी विधायक उमेश मलिक औऱ पूर्व विधायक प्रशांत चौधरी के स्वागत समारोह में जन सैलाब उमड़ पड़ा जहां आचार संहिता की खुले आम धज्जियां उड़ती दिखाई दी है।बता दे बुढ़ाना कस्बे के रामछेल तिराहे पर भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान विधायक व प्रतियाशी उमेश मलिक के स्वागत समारोह में भारी जन सैलाब उमड़ा गया।
यहां एक तरफ जहां भारी भीड़ प्रतियाशी को कंधो पर उठाकर कसबे में नारे बाजी कर रही थी तो वहीं ढोल नगाडे बजा आचार संहिता की खुले आम धज्जियाँ भी उड़ा रहीं थी। जबकि प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जनपद में धारा 144 लागू की गई है जहां पर बुढाना कस्बे के रामछेल तिराहे पर विधायक उमेश मलिक के स्वागत समारोह में आचार संहिता की जमकर धज्जियां उड़ाई गई है।
इस अवसर पर नामित सभासद कुलदीप बागड़ी, राजेश संगम, विनोद सैनी, भारत ठाकुर, मनोज उर्फ मोनू कुरथल, नगर पंचायत वार्ड पांच सभासद पति योगेश प्रजापति, चेयरमैन शाहपुर परमेश सैनी के साथ सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे और ढोल नगाड़ों से खुले आम आचार संहिता की धज्जिया उड़ाते रहे बड़ा सवाल की आखिर जब सत्तासीन नेताओं का ये हाल है तो औरों का क्या होगा, स्थानीय पुलिस से लेकर जिला स्तरीय अधिकारी आखिर इस तरफ कब ध्यान देंगे।