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अभिभावकों ने नौनिहालो के हाथों में थमा दिया मौत का हैंडिल, नौनिहाल रोजाना उड़ा रहे नियमो की धज्जियां

बिना लाइसेंस के सैकड़ो पर नौनिहाल दौड़ा रहे दो पहिया वाहन, स्थानीय पुलिस कर रही नौनिहालों की अनदेखी

भगत सिंह / वसीम अहमद

मुज़फ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में आए दिन जहां सड़क हादसे हो रहे हैं, तो वही इन हादसों का कारण भी मुख्य रूप से कहीं ना कहीं नौनिहाल भी बन रहे हैं, यहां नौनिहाल नाबालिक बच्चे बिना लाइसेंस शहर की सड़कों सहित हाईवे पर खुलेआम दौड़ा रहे हैं टू व्हीलर और दे रहे हैं सड़क हादसों को न्योता, अगर स्थानीय पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों सहित परिवहन अधिकारियों की बात की जाए तो यहां तमाम अधिकारी दो-चार दिन वाहन चेकिंग अभियान चला कर लेते हैं इतिश्री, इधर बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि हम स्वयं भी इस पूरे मामले के कहीं ना कहीं है जिम्मेदार, साथ ही साथ स्कूल प्रशासन भी इन मामलों में जिम्मेदार है, यही नहीं स्थानीय पुलिस – परिवहन और प्रशासनिक अधिकारियों को भी चाहिए कि समय-समय पर बच्चों को जागरूकता के साथ ही कड़ाई से जिले में नियमों का पालन भी कराए जाए, ताकि बिना लाइसेंस चला रहे नो निहाल ओर अन्य लोगों को भी सड़क हादसों से बचाया जा सके।

दरअसल पूरा मामला जनपद मु०नगर का है जहां आये दिन सड़क हादसे होते जा रहे है जिनमे जहां एक तरफ आम जनमानस तो चोटिल हो ही रहे है वहीं दूसरी तरफ स्कूली बच्चे भी आजकल टू व्हीलर चला हादसों में स्वम घायल और दूसरों को भी चोटिल कर रहे है। सड़क दुर्घटनाओं में अक्सर लोग  कहीं अपने अंगों को गवा देते है तो कही अपनी जिंदगी ही गवा देते है। और ये सब सड़क पर चलते समय यातायात नियमो की अनदेखी या अक्सर नाबालिक बच्चों के हाथों में टू व्हीलर थमाए जाने से भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

अभी हाल ही में मुजफ्फरनगर में स्कूल जाते समय स्कूटी सवार भाई बहन की बस की आमने सामने की टक्कर कहीं न कहीं  फिर से एक सबक बता रही है और अभिभावकों सहित जिले की पुलिस – प्रशासन परिवहन अधिकारीयों को भी इस और ध्यान देने का संकेत दे रही है।

आप तस्वीरों में साफ देख सकते है कि किस तरह स्कूलों में  जिंदगी का पाठ पढ़ने जा रहे नौनिहाल मुख्य सड़कों, हाईवे और तमाम गली मौहल्लों में सरेआम नियम तोड़ते हुए न केवल खुद की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि दूसरों के लिए भी खतरा बने हुए हैं। आज कल तमाम नियमो और खतरों को भांपने के बावजूद भी नाबालिग हाथों में अभिभावक टू व्हीलर और फोरव्हीलर थमा रहे हैं।

स्कूल में भी ये नादान परिंदे वाहनों पर बेखाैफ एंट्री कर रहे हैं इन्हें स्कूल में रोकने या यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने के लिए अध्यापक तक भी गंभीर नहीं दिख रहे हैं। अगर जिले भर में यातायात नियमो की बात करे तो इन दिनों यातायात पुलिस भी इक्का-दुक्का चालान आदि  काटकर कागजी  खानापूर्ति करने में लगी है उन्हें भी पता है कि दो दिन बाद फिर वही स्थिति आ जायेगी।

जिले में खबर वाणी की टीम ने सुबह 7 से 9 बजे तक शहर के पांच बड़े स्कूलों के बाहर की स्थिति का जायजा लिया तो यह हालात सामने आए पांच स्कूलों में ही करीब सेकड़ो दोपहिया वाहन खड़े मिले। जानकार बताते हैं कि शहर में सेकड़ो से ज्यादा नाबालिग दोपहिया वाहन चलाते हैं  इनमें से अधिकतर नियम तोड़ते हैं।

जब इस सम्बन्ध में  सीओ खतौली आर के सिंह से बात की गई तो उनका कहना है कि  खतौली के ट्रैफिक को स्टडी करने पर पता चला है कि स्कूलों, संस्थानों में पहुंचने के लिए प्रत्येक नागरिक स्कूली बच्चों की औसत दूरी तीन किलोमीटर है। ऐसे में टू-व्हीलर की जगह साइकिल का प्रयोग भी किया जाए ताे इससे केवल जान का खतरा बचेगा बल्की बच्चे सहित बड़े भी स्वस्थ रहेंगे साथ ही साथ
ट्रैफिक जाम और प्रदूषण भी कम होगा।

जागरुकता लेक्चर का कोई असर नहीं…

अक्सर देखा गया है कि मुज़फ्फरनगर यातायात पुलिस स्कूलों में जाकर 15 से 20 लेक्चर यातायात नियमों को लेकर देती है, लेकिन इनका कोई असर भी शायद स्कूली छात्र छात्राओं पर दिखाई नहीं दे रहा है।

बता दें अगर यातायात नियमों की बात करें तो इनके नियमो में यदि किसी नाबालिग बच्चे से कोई दुर्घटना हो जाये तो उसके माता पिता दोषी होते है। अवेहलना का यह हाल तब है जब नाबालिग छात्र छात्राओं के हाथों हादसा होने पर अभिभावक के खिलाफ भी 6 माह कैद की कार्रवाई तक होती है।

बेहतर है कि अभिभावकों, शिक्षकों व यातायात पुलिस को समय समय पर साझा जागरूकता के साथ ही सख्ती से वाहन नियमो के प्रति जागरूकता और सख्ती के साथ  चालान आदि की कार्यवाही भी करनी चाहिए। देखें खास रिपोर्ट और तस्वीरों में किस तरह नगर देहात, सहित हाईवें पर स्कूली छात्र छात्राएं दौड़ा रहे है टू व्हीलर और दे रहे है हादसों को न्यौता।

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