जिले के कप्तान से लेकर मंडल के डीआईजी-एडीजी तक बेटी पत्नी बहन की बरामदगी के लिए पीड़ित लगा चुका गुहार, पीड़ित को नही मिला इंसाफ, अब पहुँचा गया योगी महाराज के दरबार, महाराज से लगाई इंसाफ की गुहार
पत्नी, बेटी और बहन की बरामदगी को तीन साल से फिरता रहा मारा- मारा नही मिला इंसाफ, अब योगी सरकार के दरबार में लगाई इंसाफ की गुहार

खबर वाणी भगत सिंह
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में एक युवक अपनी पत्नी, नाबालिग बेटी, और नाबालिग बहन की बरामदगी को लेकर तीन साल से लगातार पुलिस/ प्रशासनिक अधिकारियों सहित मंडल अधिकारियों तक के भी चक्कर लगा चुका है, यही नहीं पीड़ित ने बेगुनाह होते हुए भी जेल की हवा भी खा ली मगर आज तक उसकी पत्नी, बेटी और बहन नहीं मिल सके हैं अब थक हार कर पीड़ित ने योगी सरकार के दरबार में अपनी बीवी, बहन, और बेटी की बरामदगी की गुहार लगाई अब देखना होगा की बेटी बचाव,बेटी पढ़ाओ, और बेटी बढ़ाओ सहित नारी शक्ति, महिला सशक्तिकरण एवं महिला जननी सुरक्षा के दावे करने वाली योगी सरकार आखिर उक्त पीड़ित को किस तरह इंसाफ दिला पायेगी।
बताया जा रहा है कि पीड़ित युवक की पत्नी, बहन और बेटी साल 2019 से थाना रतनपुरी क्षेत्र के डबल गांव से गायब है और अब 2022 आ चुका है लेकिन आज तक स्थानीय पुलिस से लेकर जिला पुलिस प्रशासन तक उन तीनों को ढूंढ नहीं पाया है, हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में एक तांत्रिक को भी वे जेल भेज चुके हैं उनके लगातार प्रयास जारी है, युवक द्वारा जिस – जिस पर आरोप लगाये गए है उन सभी की जाँच पड़ताल और पूछ ताछ कर चुके है लेकिन गुम हुई महिला और दोनों बच्चियों का कोई अता पता नही चल सका है पुलिस के तीनो को बरामद करने के लगातार प्रयास जारी है।
दरअसल पूरा मामला जनपद मुज़फ़्फ़रनगर के थाना रतनपुरी अंतर्गत गांव डबल का है जहां के निवासी सोनू पुत्र पप्पू सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि साल 2019 में उसके घर उसके ससुराल पक्ष से उसकी सास, ससुर और साले आये थे दो-तीन दिन मेरे घर रह कर वह अल सुबह ही यहां से गायब हो गए जब मेरी नींद खुली तो मेरे घर से मेरी बीवी, पुत्री व मेरी बहन गायब थी।
मैंने हर संभव जगह पर तलाश कर ग्रामीणों के सहयोग से ससुराल पक्ष को कई बार फोन किया और बीवी बच्ची व बहन के बारे में जानकारी चाही लेकिन उनका कोई भी जवाब नहीं मिला थक हार कर पीड़ित ने थाना रतनपुरी में अपनी पत्नी पुत्री और बहन की गुमशुदगी की तहरीर देकर कार्रवाई की गुहार लगाई।
पीड़ित ने बताया कि जहां पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर ससुराल पक्ष के कई लोगों को थाने बुलाया तो वही उनसे साज खाकर उल्टा उसे व् उसके पिता को पत्नी, पुत्री और बहन को गायब करने के आरोप में जेल भेज दिया।
काफी दिनों बाद जमानत करा जब पीड़ित युवक बाहर आया तब उसने कई हिंदू संगठनों के लोगों और ग्रामीणों के साथ थाना रतनपुरी पर अपनी पत्नी, पुत्री और बहन की बरामदगी के लिए धरना प्रदर्शन किए और फिर से ससुराल पक्ष पर कार्रवाई किए जाने की गुहार लगाई जिसके चलते पुलिस ने ससुराल पक्ष को थाने बुलाकर पूछ ताछ कर छोड़ दिया। पीड़ित द्वारा गुपचुप तरीके से जब अपने परिवार की खोजबीन में तलाश की गई तो पीड़ित को किसी ने उसकी पत्नी पुत्री और बहन को एक तांत्रिक के पास होना बताया जिसके बाद पीड़ित द्वारा पुलिस को पूरे मामले से अवगत कराया गया जिसमें पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तांत्रिक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया लेकिन यहां भी पीड़ित को इंसाफ नहीं मिला और न मिली उसकी पत्नी पुत्री और बहन।
पीड़ित की माने तो साल 2019 से अब साल 2022 आ चुका है लेकिन 3 सालों तक वह स्थानीय पुलिस से लेकर पुलिस के आला अधिकारियों /प्रशासनिक अधिकारियों मंडल स्तरीय अधिकारियों तक के यहां एड़ी चोटी का जोर लगा चुका है लेकिन उसे कहीं से भी इंसाफ नहीं मिला। पीड़ित सोनू की माने तो पीड़ित ने क्षेत्र के ही गांव सठेडी में संचालित हरि हर जन सेवा समिति के पदाधिकारियों के साथ मिलकर गत दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दरबार में भी अब इंसाफ की गुहार लगाई है जहां उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या से मिल पूरे प्रकरण से उन्हें अवगत करा अपने बीवी बच्चों को बरामद करने की गुहार लगाई है।
पीड़ित की माने तो उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या द्वारा उसे आश्वासन दिया गया है कि वे इस पूरे मामले की अपने स्तर से जांच पड़ताल करा कर जल्द से जल्द उसे इंसाफ दिलाएंगे। पीड़ित सोनू का कहना है कि पकड़े गए तांत्रिक से अगर पुलिस सख्ती और कढ़ाई के साथ पूछताछ करे तो शायद इस पूरे मामले का खुलासा हो सकता है और उसे उसका परिवार दोबारा मिल सकता है पीड़ित की मानें तो दूसरे समुदाय के कब्जे में जा चुका है उसका परिवार स्थानीय पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर भेजा था जेल नहीं कराई थी बरामदगी, पीड़ित काफी समय से था परेशान योगी सरकार से मिलने के बाद अब पीड़ित को उम्मीद जगी है।