टिकैत बंधुओ पर लगा गांव की बंजर भूमि व तालाबों पर कब्जा करने का आरोप- प्रेस वार्ता कर लगाया आरोप
पीडितो ने प्रेस वार्ता करते हुए बड़े किसान नेताओं पर गांव की बंजर जमीर बेचने व सरकारी तालाबो पर कब्जे करने सहित सरकारी जमीनों को बेचने का लगाया आरोप
खबर वाणी भगत सिंह
मुज़फ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में जहां एक तरफ भारतीय किसान यूनियन के गत दिनों संगठन में दो फाड़ हो गई थी, तो वहीं अब भारतीय किसान यूनियन के ही दोनों बड़े नेताओं पर अपने ही गांव की बंजर जमीन, सरकारी तालाबों पर अवैध कब्जों सहित उन पर मकान बनाकर बेचने का भी खुला आरोप लग रहा है आज एक प्रेस वार्ता के दौरान गांव सिसौली के ग्रामीणों ने टिकैत बंधुओं पर गांव के तालाबों को बेचने उन पर कब्जा करने के साथ ही बंजर भूमि पर आवासीय मकान बनवाकर अपने गुर्गो को काबिज कराने का आरोप लगाया है, ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने इसकी शिकायत स्थानीय नेताओं सहित जिले के आला अधिकारियों को भी कई मर्तबा की है, लेकिन स्थानीय अधिकारीयों सहित जिला स्तर के अधिकारियों ने भी आज तक टिकैत बंधुओं के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की है, अब पीड़ितों का साफ तौर पर कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत गांव की जमीनों पर से अवैध कब्जे जिला प्रशासन द्वारा नहीं हटाए गए तो वह दिन दूर नहीं जब वे लोग सुबे के मुखिया के पास पहुंचकर इसकी शिकायत करेंगे।
जानकारी के अनुसार, आज शहर के एक रेस्ट्रोरेन्ट पर मिडिया से मुखातिब होते हुए गांव सिसौली के ग्रामीणों राहुल मुखिया, कपिल बालियान,देवेन्द्र बालियान,सुभाष बालियान, रविन्द्र उर्फ़ प्रदीप ठेकेदार ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके गांव सिसौली में गांव के ही दबंग लोगों द्वारा कई 12,13 तालाबों, बंजर भूमियों पर अवैध कब्जे करते हुए मकान,ऑफिस आदि बनाकर अवैध कब्जे कर लिए है जिनमे राकेश टिकैत, नरेश टिकैत भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि उनके गांव में 1961 में चकबन्दी आई थी उसमें राकेश टिकैत नरेश टिकैत ने चकबंदी की कार्रवाई नहीं होने दी और राकेश टिकैत नरेश टिकैत ने गांव की भूमि पर कब्जे कर लिए यहां खरान 734 पर नरेश टिकैत व् राकेश टिकैत ने कब्जा करते हुए अपना कार्यालय बना दिया जोकि एक तालाब था।
उन्होंने कहा कि खसरा न० 726 भी एक तालाब था जिस पर अवैध कब्जा कर राकेश व् नरेश टिकैत ने मिलकर अवैध कब्जा कर घेर का निर्माण कर लिया।यहीं नही खसरा न० 1632 जो की 12 बीघा का तालाब था उस पर भी भूमाफिया बने राकेश टिकैत व् नरेश टिकैत ने कब्जा कर लिया और उस जमीन को अपने गुर्गों को बेच दिया। यहां नरेश व राकेश ने अवैध कब्जा कर योगेश उर्फ बिटू आखी, रेशमपाल आखी को उस तालाब को बेच दिया ये सब इनके खास गुर्गे बताये जा रहे है।
खसरा न 625 जो सरकारी जमीन है इस पर अवैध कब्जा करते हुए ब्रह्मपाल व् संसार सिंह ने अपना भवन निर्माण किया हुआ है जिस पर पूर्णतया जाँच होने के बाद भी इन बड़े किसान नेताओं ने कोई कार्यवाही नहीं होने दी। ऐसे अनगिनत न जाने कितने कब्जे इन बड़े किसान नेताओं द्वारा करने के बाद जहां अपने गुरुओं को यह जमीन दे दी गई तो वही न जाने कितने लोगों को जमीनें बेच कर आवासीय मकान तक बनवा दिए।
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि इसकी शिकायत उन्होंने स्थानीय पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों सहित जिला स्तर के बड़े अधिकारियों तक को भी कई बार की हुई है लेकिन स्थानीय अधिकारियों सहित जिला स्तर के अधिकारियों ने न जाने किस के दबाव में आकर आज तक गांव सिसौली में अवैध निर्माण भू माफियाओं तालाबों पर कब्जे सहित बंजर जमीन को कब्जा करने वालों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई आज तक नहीं की है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि नरेश व राकेश टिकैत ने अपनी शक्ति का प्रयोग कर कार्यवाही नहीं होने दी जबकि इस पर कई बार नोटिस भी जारी हो चुके है परन्तु नरेश व राकेश ने अधिकारियों पर -दबाव डालकर कार्यवाही को बन्द करवा दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि खसरा न० 129 पर भी कब्जा किया हुआ है जो ब्रहमपाल व् संसार सिंह ने अपनी भूमि में सम्मलित किया है इस पर S.D.m पटवारी ने जांच की जो संज्ञान मे सही था परन्तु वहा भी नरेश टिकैट ने पहुंचकर अधिकारियों को अपनी शक्ति प्रदर्शन कर भगा दिया।
तथा आगे भी चेतावनी दी कि इस सिसौली मे हमारा राज चलता है यहाँ के राजा हम ही है। दोनों बड़े किसान नेताओं पर आरोप लगाने वाले ग्रामीणों का आरोप है की योगी सरकार की जीरो टोलरेंस के चलते भी इन बड़े भूमाफियों के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नही की गई है।
ग्रामीणों ने कहा है कि अगर जल्द ही गांव सिसौली की बंजर भूमि तालाबों पर अवैध कब्जे जिला प्रशासनिक अधिकारियों ने नहीं हटवाए तो वह दिन दूर नहीं जब हम पीड़ित लोग उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के पास पहुंचकर जिला प्रशासन सहित इन कब्जा धारियों की शिकायत करने को मजबूर होंगे।