अनीस गाजी बने भारतीय किसान यूनियन (अजगर) के प्रदेश उपाध्यक्ष
प्रदेश भर में किसानों व मजदूरों की आवाज बुलंद करेगी भारतीय किसान यूनियन (अजगर) :अनीस गाजी
खबर वाणी संवाददाता
बागपत। खेकड़ा ब्लॉक स्थित घिटौरा गांव में आज भारतीय किसान यूनियन (अजगर) का किसान मजदूर सम्मेलन आयोजित का कार्यक्रम किया गया है। सम्मेलन में महामहिम मेघालय के राज्यपाल सतपाल मलिक मुख्य अतिथि के रूप पहुँचे है। विशिष्ट अतिथि के रूप में बागपत से सांसद सतपाल सिंह रहे, भारतीय किसान यूनियन (अजगर) संगठन प्रदेश भर में किसानों व मजदूरों के हित में कार्य करेगी। भारतीय किसान यूनियन (अजगर) के किसान मजदूर सम्मेलन में पहुँचे मेरठ जिले की सरधना विधानसभा से विधायक अतुल प्रधान ने मंच को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार किसी की भी हो सवाल करने चाहिए।
13 महीने किसानों ने दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर लंबा संघर्ष करते हुए, केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि कानूनों को वापस कराया है। और केंद्र सरकार को एमएसपी की गारंटी देते हुए किसानों से माफी मांगनी पड़ी थी। लेकिन एमएसपी की गारंटी तो केंद्र सरकार ने दके दी थी, लेकिन अभी तक किसानों को एमएसपी नही मिला है। प्रदेश के लखीमपुर खीरी में भाजपा नेता के बेटे द्वारा किसानों को कुचला गया। लेकिन में एक ही बात कहना चाहता हु की आप सभी को एकजुटता से सरकार से सवाल करने चाहिए।
केंद्र सरकार ने अपने पूंजी पति दोस्तो के लोन माफ किया है लेकिन एक किसान को बैंक से लोन लेने के लिए चक्कर काटने पड़ते है। यहां तक कि किसान की चपल घिस जाती है। लेकिन किसानों को आसानी से लोन नही मिलता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की यह पट्टी गन्ना पट्टी के नाम से जाना जाता है। किसानों को उनके गन्ने का बकाया भुगतान नही मिल पा रहा है।
केंद्र सरकार ने 2022 में किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक किसी भी किसान की आय दोगुनी नही हुई है। दोगुनी आय की बात तो छोड़ो आज तक सरकार किसानों का गन्ने का मूल्य दोगुना नही कर पाई है। में आप सभी लोगो से यही कहना चाहता हु की एकजुट रहोगे तो सरकार से अपने हक के लिए लड़ सकते है। नही तो सरकार किसान मजदूरों का इसी तरह से शोषण करती रहेगी।
वही महामहिम मेघालय के राज्यपाल सतपाल मलिक ने मंच को संबोधित करते हुए कहा कि मैने देखा कि किसान दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर 13 महीने से कृषि कानून के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे है। जिस आंदोलन में 700 किसानों की जान चली गयी थी।
पीएम मोदी ने किसानों की मौत पर संवेदना नही की, मैने देखा है कि अगर कही कुतिया भी मर जाती है तो पीएम मोदी संवेदना व्यक्त करते हैं। जब पीएम मोदी ने 700 किसानों के मारने पर कोई संवेदना व्यक्त नही की तो में खुद पीएम मोदी के पास गया, और कहा कि दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर 13 महीनो से किसानों का आंदोलन चल रहा है।
700 किसानों की मौत हो गयी है प्रधानमंत्री जी इन किसानों को कुछ ले देकर इस मामले को खत्म कर दो, तो पीएम मोदी ने कहा बैठे रहने दो चले जाएंगे। जब पीएम मोदी से मैने कहा यह लोग उठने वाले नही है। किसानों की एकजुटता ने सरकार को झुका कर तीनो कृषि कानून वापस करा लिए। कहने को तो बहुत कुछ है लेकिन सब अतुल प्रधान ने आप लोगो से कह दिया है।
में सिर्फ आप लोगो से यही कहना चाहता हूँ, कि शिक्षित बनिए, और अपने बच्चों को भी शिक्षित बनाइये। में किसानों की आवाज हमेशा बुलंद करता आया हु और आगे भी करता रहूंगा। आज जो ये संगठन बना है इस संगठन को मजबूती से चलाइये।