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भारतीय किसान यूनियन अंबावत के कार्यालय पर चला बुल्डोज़र

खबर वाणी भगत सिंह

मुज़फ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में मंगलवार को जिला प्रशासन द्वारा बड़ी कार्यवाही करते हुए दिल्ली देहरादून नेशनल हाईवे 58 के निर्माण में बाधा उत्पन्न कर रहे भारतीय किसान यूनियन अंबावत के कैंप कार्यालय को बुलडोजर द्वारा हटवा दिया गया।

दरअसल आपको बता दें कि दिल्ली देहरादून नेशनल हाईवे 58 पर स्थित सिसौना गांव में हो रहे हाईवे निर्माण के कार्य में भारतीय किसान यूनियन अंबावत का कैंप कार्यालय बाधा उत्पन्न कर रहा था। जिसके चलते मंगलवार को एसडीएम सदर परमानंद झा द्वारा पुलिस फोर्स के साथ मिलकर बुलडोजर से इस कार्यालय को जमींदोज करा दिया गया है।

बताया जा रहा है कि भारतीय किसान यूनियन अंबावत के कार्यकर्ताओं द्वारा अपने इस कार्यालय के मुआवजे को लेकर कई दिनों से यहां पर धरना भी दिया जा रहा था लेकिन जिला प्रशासन द्वारा भारतीय किसान यूनियन अंबावत के पदाधिकारियों से वार्तालाप कर सबकी सहमति से आज इस कार्यालय को बुलडोजर द्वारा हटवा दिया गया है।

जिसकी जानकारी देते हुए एसडीएम सदर परमानंद झा ने बताया कि एनएच 58 जो हमारा राष्ट्रीय राजमार्ग है सिसौना गांव में इसकी जद में चार दुकानें थी जिन्हें बार-बार नोटिस दिया जा रहा था लेकिन यह हटा रही रहे थे तीन दुकानों को हटाने की कार्रवाई हमारे नायब तहसीलदार द्वारा पूर्व में किया जा चुका है एक दुकान जिसमें भारतीय किसान यूनियन अंबावत का कैंप कार्यालय भी था इसमें दिक्कत आ रही थी।

जिसके चलते हैं हमने उनके जिला अध्यक्ष और उनके अन्य पदाधिकारियों से भी बातचीत की उनकी मांग थी कि जो हमारी दुकान है उसका मुआवजा हमें मिलना चाहिए इस बारे में जिलाधिकारी महोदय से भी बातचीत हुई और क्योंकि यह प्रकरण जिलाधिकारी महोदय के न्यायालय में चल रहा है।

क्योंकि यह एडमिनिस्ट्रेशन का मामला है और उसे न्यायालय में चल रहा है तो जो भी उनका निर्णय होगा वह मान्य होगा लेकिन क्योंकि यह दुकान यह संपत्ति हाईवे के निर्माण में बाधा उत्पन्न कर रही थी तो वार्ता करने के बाद सबकी सहमति से इनको हटा दिया गया है इसमें सभी लोगों ने सहयोग किया है।

किसी चीज में कोई दिक्कत नहीं आई दुकान के मुआवजे के लिए यह लोग धरना भी दे रहे थे पहले कृषि भूमि की दर से इन लोगों को मुआवजा का अवार्ड किया जा चुका है इससे यह क्षुब्ध नहीं थे इन्हें बताया गया कि यह जिला अधिकारी के न्यायालय में वाद दायर करें और उसमें जो भी कार्रवाई होगी वह सभी पक्षों के मान्य होगी।

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