17 साल पुराने मामले में हिंदू संगठनों से जुड़े 16 आरोपी अदालत से बरी
सच्चाई की हुई जीत नरेंद्र पंवार नेता हिन्दू संघटन
खबर वाणी भगत सिंह
मुज़फ्फरनगर। 17 साल पुराने अलनूर मीट प्लांट में मारपीट, आगजनी, तोड़फोड़ प्रकरण में मंगलवार को अदालत ने फैसला सुनाते हुए 16 हिंदूवादी नेताओं को सबूतों के अभाव के चलते बरी कर दिया है। फैसला सुनते ही सभी हिंदूवादी नेताओं ने कहा कि यह सच्चाई की जीत है और उन सभी लोगों की जीत है जो हिंदुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं।
आपको बता दें कि वर्ष 2006 में थाना सिखेड़ा अंतर्गत अलनूर फैक्ट्री प्लांट में मारपीट तोड़फोड़ आगजनी पथराव का एक मामला सिखेड़ा थाने में लिखा गया था जिसमें विभिन्न हिंदू संगठनों से जुड़े हुए 21 लोगों पर 147, 148, 149, 188, 342, 353, 332, 436, 7 CLA एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया था।
इस मामले में चार लोगों की फाइल अलग कर दी गई थी जबकि एक आरोपी की मौत हो चुकी है।
आज एडीजे तृतीय की कोर्ट ने मामले में 16 आरोपियो पूर्व विधायक उमेश मलिक, स्वामी यज्ञ मुनि, RSS नेता ओमकार, हिंदू जागरण मंच के नेता नरेंद्र पवार, ललित मोहन शर्मा, संजय अग्रवाल, राजीव मित्तल, ललित पांचाल, रामानुज दुबे, राजेश गोयल, राजू धीमान, राजेश्वर आर्य, सरोज पाल, अनिल कुमार, धर्मेंद्र तोमर, शरद कपूर, संजीव कौशिक, पुनीत गुलाटी, रावेंद्र और मोहन बाबा को सबूतों के अभाव के चलते बाइज्जत बरी कर दिया है।
इस मामले में अधिवक्ता भीष्म सिंह पुंडीर ने बताया कि अलनूर मीट प्लांट में अवैध कार्य चल रहे थे, जिसे हिंदू संगठन के लोगों ने बंद कराने का काम किया था, उसी प्रकरण में पुलिस ने एक झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया था जो एडीजे थर्ड के यहां विचाराधीन था, जिसमें आज सभी आरोपी सरकार बनाम ओंकार आदि साक्ष्य के अभाव में बरी हो गए हैं, यह सच्चाई की जीत हुई है।
इस प्रकरण में आज बाइज्जत बरी हुए हिंदू जागरण मंच के नेता नरेंद्र पवार ने बताया कि हम न्यायालय का सम्मान करते हैं, उस समय अलनूर मीट प्लांट में अवैध गो कटान होता था ओर रात में किसानों के पशु चोरी कर वँहा कटान होता था।
उसे लेकर संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति ने एक बड़ा आंदोलन चलाया, विरोध प्रदर्शन किया लेकिन सरकार के नुमाइंदे मील वालों से मिले हुए थे, केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और फैक्ट्री वाले रॉबर्ट वाड्रा के रिश्तेदार थे।
सरकार का फायदा उठाते हुए हिंदू संगठनों पर अत्याचार किए गए, हमें अवैध हिरासत में रखा गया, जेल भेजा गया, झूठे मुकदमे हम पर दर्ज किए गए, यह लड़ाई हिंदुत्व की जीत है, न्याय की जीत है, हम सभी को बधाई देते हैं।