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कट्टर हिंदूवादी यशवीर महाराज देवबंद के लिए हुए रवाना, शहर के रुड़की रोड पर रोके गए

जिला पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा यशवीर महाराज वह उनके साथ चल रहे सैकड़ों से भी अधिक हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता पदाधिकारियों को रोका गया फल स्वरूप स्वामी यशवीर महाराज सभी कार्यकर्ता पदाधिकारियों के साथ रुड़की रोड पर ही धरना देकर बैठ गए जहां जिला पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी उन्हें मनाने में जुटे रहे।

खबर वाणी भगत सिंह

मुजफ्फरनगर। जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी द्वारा दिल्ली में सनातन धर्म के ऊपर दिए गए विवादित बयान को लेकर अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आज मुजफ्फरनगर जनपद से स्वामी यशवीर जी महाराज अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ वेदों को साथ लेकर अरशद मदनी के साथ शास्त्रार्थ करने के लिए देवबंद स्थित दारुल उलूम कूच पर निकले। जैसे ही स्वामी यशवीर जी महाराज की पैदल यात्रा देवबंद की तरफ निकलने की सूचना जिला पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को मिली तो भारी पुलिस फोर्स और तमाम अधिकारियों ने स्वामी यशवीर जी की यात्रा को शहर के बाहर ही रुड़की रोड पर रोक लिया यहां कानून व्यवस्था आदि का हवाला देकर स्वामी यशवीर जी महाराज की यात्रा को रोका गया जिस पर स्वामी यशवीर  अपने सैकड़ों से भी अधिक अनुयायियों एवं समर्थकों के साथ रुड़की रोड पर ही धरना प्रदर्शन को बैठ गए। जिन्हें मनाने के लिए जिला पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की जद्दोजहद चलती रहेगी लेकिन स्वामी जी अपनी बात पर अड़े रहे और रुड़की रोड पर ही धरना देकर बैठ गए।

दरअसल आपको बता दें कि देवबंद स्थित दारुल उलूम से जुड़े अरशद मदनी द्वारा सनातन धर्म पर दिए गए बयान को लेकर मुजफ्फरनगर जनपद के बघरा ब्लॉक में स्थित योग साधना आश्रम के संचालक स्वामी यशवीर जी महाराज खासा आघात थे। जिसके चलते कुछ दिन पूर्व यशवीर जी महाराज ने यह ऐलान किया था कि वह सनातन धर्म के अपने समर्थकों के साथ 28 फरवरी को देवबंद के दारुल उलूम मदरसे के लिए कूच करेंगे जहां पर वह मौलाना अरशद मदनी के साथ शास्त्रार्थ करेंगे और उनसे यह जानने की कोशिश करेंगे कि जो उन्होंने सनातन धर्म को लेकर बयान दिया है उसमें कितनी सत्यता है।

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए स्वामी यशवीर जी महाराज ने बताया कि यह तो पूरे ही भारत का विश्व को पता है दिल्ली के रामलीला मैदान में मौलाना अरशद मदनी ने लाखों मुसलमानों की सभा में भाषण देते हुए सनातन धर्म के ऊपर यह आघात किया अरशद मदनी जिस पद पर है उनको ऐसे शब्द नहीं कहने चाहिए थे उनको अपने धर्म की बात कहनी थी कहते अपने धर्म का इस्लाम धर्म का प्रचार करना था करें किसी को कोई परेशानी नहीं थी।

लेकिन उसने बड़े षड्यंत्र के अंतर्गत ऐसा नहीं कि अनजाने में षड्यंत्र के अंतर्गत सनातन धर्म के खिलाफ हमारे देवी-देवताओं के खिलाफ जो बातें कही हैं वह शास्त्र संवत नहीं है मर्यादा के विपरीत है इतिहास के बिल्कुल विपरीत है तो उसकी बात को चुनौती देते हुए कि मदनी आपने जो कुछ कहा है वह शास्त्रों के खिलाफ कहां है इसी को देखते हुए हमने उसको शास्त्रार्थ की चुनौती दी है अब यहां सनातन धर्म के लिए वीर पूरे दलबल के साथ में देवबंद मदरसा जो दारुल उलूम है मां के लिए कुछ करेंगे और उसको शास्त्रार्थ की चुनौती देते हुए उसके साथ शास्त्रार्थ करेंगे और हमारे साथ में वेद शास्त्र यीशु के वचन होंगे और सगाई है जो बातें कही है हमारे इन धर्म ग्रंथों में दिखाइए।

यह जो बातें तुम्हें कही है वह अपने धर्म ग्रंथों में दिखाइए और नहीं है कहीं पर तो फिर झूठ क्यों बोला झूठ बोल कर के समाज को गुमराह करने का जो तूने षड्यंत्र किया है उसके लिए देश समाज से पूरे विश्व से माफी मांगे देखिए प्रशासन से हमारी कोई बात नहीं हुई है हम सत्य के मार्ग पर चल रहे हैं हमारा किसी से कोई झगड़ा नहीं है हम तो यहां जितने भी सनातन धर्म के लोग हैं बड़ी शांति से जाएंगे और शांति से ही आएंगे अरशद मदनी से हमारा कोई व्यक्तिगत द्वेष नहीं है हमारा उनसे कोई मनमुटाव नहीं है हम तो उनसे केवल जो उनकी विचारधारा है उस विचारधारा के खिलाफ हैं हमें उसकी विचारधारा के खिलाफ ही शास्त्रार्थ करना है।

उधर मामले में जिला पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने शहर के बाहर ही स्वामी यशवीर के काफिले को रोक लिया जिससे नाराज होकर स्वामी यशवीर सैकड़ों अनुयाइयों एवं अपने समर्थकों के साथ मुख्य सड़क पर ही धरना प्रदर्शन को बैठ गए जहां जिला पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी उन्हें घंटों मनाने में जुटे रहे। तो वहीं स्वामी यशवीर महाराज द्वारा मौके पर ही हनुमान चालीसा एवं अन्य पाठ किए गए घंटों की जद्दोजहद के बाद आखिरकार स्वामी यशवीर महाराज का धरना समाप्त कराया गया और उन्हें उनके आश्रम को वापस भेज दिया गया।

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