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कांग्रेस को पश्चिम UP से लगा बड़ा झटका, पूर्व सांसद व पूर्व विधायक ने छोड़ी पार्टी

कांग्रेस आलाकमान को भेजा त्याग पत्र, किस पार्टी में जायेंगे जल्द करेंगे घोषणा - हरेन्द्र मलिक पूर्व सांसद

खबर वाणी भगत सिंह

मुज़फ्फरनगर। जनपद से इस वक्त की बड़ी खबर कांग्रेस पार्टी की पश्चिमी उत्तर प्रदेश से इस वक्त की बड़ी खबर,मुज़फ्फरनगर के रहने वाले कांग्रेसी नेता एंव पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक ने कांग्रेस पार्टी को कहा अलविदा,पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक ने कांग्रेस आलाकमान को सौंपा अपना त्याग पत्र, तो वहीं सांसद पुत्र एंव पूर्व विधायक पंकज मलिक ने भी छोड़ी कांग्रेस पार्टी, उन्होंने भी कांग्रेस आलाकमान को सौंपा अपना त्याग पत्र, कांग्रेस के धुरंधर नेताओं में शुमार रहे है दोनों पिता पुत्र कांग्रेस को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगा है बड़ा झटका,पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक की माने तो अभी अपने साथियों से विचार विमर्श के बाद ही आगे किस पार्टी में जाना है उसकी जल्द घोषणा करेंगे।

 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मँगलवार को राजनितिक सरगर्मिया उस समय गर्मा गई जब काँग्रेस के एक दिग्गज नेता हरेंद्र मलिक ने 18 साल के बाद अपने बेटे पूर्व विधायक पंकज मलिक के साथ काँग्रेस से इस्तीफ़ा देकर अपना त्यागपत्र काँग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेज दिया है।

आपको बता दे की हरेंद्र मलिक ने आज मुज़फ्फरनगर स्थित अपने आवास पर एक प्रेसवार्ता कर काँग्रेस को छोड़ने की घोषणा की है।
दरअसल हरेंद्र मलिक का नाम पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े नेताओ में सुमार है और अगर मुज़फ्फरनगर में इनके राजनितिक असर की बात करे तो हरेंद्र मलिक बुढ़ाना और चरथावल विधानसभा क्षेत्र में अपना एक अलग ही वर्चस्व रखते है।

क्योकि ये ही वो क्षेत्र है,जिसमे इन्होने बरसों से अपनी राजनितिक रोटियां सेकी है हरेंद्र सिंह मलिक का जन्‍म 15 फरवरी 1954 को मुजफ्फरनगर के काजीखेड़ा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम जगजीत सिंह है और इन्होने मुजफ्फरनगर के डीएवी पीजी कॉलेज से पढ़ाई की है हरेंद्र मलिक ने एलएलबी भी की है उनकी पत्‍नी का नाम राजकुमारी हैं इनके दो बेटे और एक बेटी भी हैं।

हरेंद्र मलिक ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत रालोद मुखिया चौ0 अजित सिंह के साथ की थी। उस समय वह जनता दल में थे हरेंद्र मलिक 1989 में सबसे पहले जनता दल के टिकट पर खतौली विधानसभा से विधायक बने थे। इसके बाद वह लोकदल के टिकट पर मुजफ्फरनगर की बघरा विधानसभा सीट से चुनाव जीते 1996 में अजित सिंह ने भारतीय किसान कामगार पार्टी बनाई थी।

उसके टिकट पर हरेंद्र मलिक बघरा विधानसभा सीट से एक बार फिर चुनाव लड़े थे,लेकिन इस बार इन्हे यहाँ से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद हरेंद्र मलिक समाजवादी पार्टी (सपा) में चले गए जिसके बाद वह इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) में गए और राज्‍यसभा सांसद बने।
फिर इन्‍होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था जिसके बाद कांग्रेस के टिकट पर उन्‍होंने अपने बेटे पंकज मलिक को बघरा से विधायक बनवाया था। जिसके बाद 2012 में पंकज मलिक ने फिर शामली जनपद की सदर सीट से चुनाव जीता था।

लेकिन अपने राजनितिक जीवन के बहुमूल्य 18 साल काँग्रेस को देने के बाद आज इन्होने अपने बेटे के साथ काँग्रेस को अलविदा कह दिया है। आपको बता दे कि हरेंद्र मलिक जहाँ अभी किसी और पार्टी में जाने की बात पर चुप्पी साधे हुए है तो वही जनपद के राजनितिक गलियारे में इनके सपा में जाना का शोरशराबा काफी हो रहा है अब देखना होगा की ये किस पार्टी में जायेंगे।

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