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भू माफियाओं के खिलाफ मास्टर विजय सिंह का धरना बना दुनिया का सबसे लंबा धरना, 27वे साल में प्रवेश हुआ धरना

पांच सालों से अब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी इन भूमाफियाओं पर नही चला बुलडोजर - मस्टर विजय सिंह

खबर वाणी भगत सिंह

मुज़फ्फरनगर। भू-माफियाओं के खिलाफ मास्टर विजय सिंह का धरना 27 वे साल में प्रवेश कर चुका है। मास्टर विजय सिंह का धरना दुनिया का सबसे लम्बा धरना बना हुआ है। भूमाफियों के खिलाफ 26 सालों तक धरने देने वाले मास्टर विजय सिंह का धरना आज सत्ताईसवें साल में प्रवेश कर रहा है, कई सरकारें आई और चली गई लेकिन भू माफियों के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नही हुई योगी सरकार की जांच पड़ताल में भी भूमी पर कब्जे मिले है लेकिन कार्यवाही नही हुई, अब सरकार के बुलडोजरों का इन्तेजार है कि आखिर वे चलेंगे या नही या योगी आदित्यनाथ दुनिया के सबसे लंबे धरने को 26 साल के बाद भी आगे चलने देंगे, या इन भूमाफियाओं पर अपना बुलडोजर चलाये गए।

जी हाँ यह कहना है 26 सालों तक भू माफियों के खिलाफ धरना देने वाले अहिंसा वादी मास्टर विजय सिंह का। उन्होंने कहा की शासन प्रशासन की बेरुखी पर रोना आता है, नहीं हुई आज तक समीक्षा खोखले हुऐ सबके दावे, गांधीवादी अहिंसात्मक आंदोलनो की अनदेखी इसी कारण से होती की कि 26 साल तक धरना दे रहे मास्टर विजय सिंह को इंसाफ आज तक नही मिला है। बतौर मास्टर विजय सिंह का कहना है कि सीएम योगी की जांच रिपोर्ट मे सरकारी जमीन की बंदरबांट भी साबित हो चुकी है जव उनसे मिलने का समय लिया गया तो नहीं दिया गया मुलाकात का समय।

आरोपी भी ठाकुर है इसी कारण पिछले 5 सालो तक बचते रहे है नही की गई कार्यवाही। पूर्वर्ती सरकारो में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जांच कमेटी ने नहीं की थी जांच व कार्यवाही।मायावती शासन मे कार्यवाही शुरू भी हूई मगर माफियाओं से साठगांठ व दबाव में फाइलें बंद करा दी गई। लेकिन पिछले 26 साल में भी भू माफियाओ के विरुद्ध आंदोलन मे नही डिगे मास्टर विजय सिंह और चलाते रहे आंदोलन और अपना सब कुछ गवाया।मास्टर विजय सिंह का आन्दोलन बना दुनिया का सबसे लंबा धरना जोकि विभिन्न रिकॉर्ड बुक में भी हो चूका है दर्ज। मास्टर विजय सिंह की माने तो शासन-प्रशासन की मिलीभगत के कारण ही बेहूदा मुकदमे व माफियाओं के जानलेवा हमले व हत्या के षड्यंत्र भी हुए मगर किसी के आगे नहीं झुके मास्टर जी।

उन्होंने योगी और अखिलेश के चुनाव में पर्चे बांटकर मतदाताओं को बताया अपना दर्द ,अपने गांव चौसाना की 4 हजार बीघे सार्वजनिक कृषि भूमि (अनुमानित कीमत 600करोड़ रूपये) से भू माफियाओं का अवैध कब्जा हटाने को लेकर जनहित में 26फरवरी 1996 से मास्टर जी का आन्दोलन लगातार चल रहा है। मास्टर विजय सिंह का कहना है की राज्य सरकार उक्त भूमि को कब्जा मुक्त कर दलितों, पिछड़ों, गरीबों को बाट दे या सार्वजनिक कार्यों के काम में लाए। बता दें कि भ्रष्टाचार व भू-माफियाओं के विरुद्ध मास्टर विजय सिंह का दुनिया का सबसे लंबा धरना आज 27 साल में प्रवेश कर गया है। उन्होंने अपने गांव चौसाना की 4 हजार बीघे सार्वजनिक कृषि भूमि (अनुमानित कीमत 600करोड़ रूपये) से भू माफियाओं का अवैध कब्जा हटाने को लेकर जनहित में 26 फरवरी 1996 को यह धरना/अहिंसात्मक सत्याग्रह डीएम कार्यालय जनपद मुजफ्फरनगर पर प्रारंभ किया गया था।

इस प्रकरण में दर्जनों जांच हुई आरोप सही पाए गए राजनीतिक दबाव व भ्रष्टाचार के कारण तमाम सरकारों के दावे हवा हवाई साबित हुए। 33 वर्ष के युवा धरने पर बैठे अब 60 साल के बूढ़े हो चुके मास्टर विजय सिंह महात्मा गांधी व विनोबा भावे को आदर्श मानते हुए उनका अहिंसात्मक सत्याग्रह 26 साल से अनवरत जारी है ताकि वंचितों को उनका हक मिल सके। उल्लेखनीय है ग्राम चौसाना जनपद शामली की 4 हजार सार्वजनिक भूमि दलितों, पिछड़ों, गरीबों व विकास कार्यों के लिए थी जिस पर भू माफियाओं ने अवैध कब्जा कर रखा है।

8 अप्रैल 2019 को शामली में  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा मे ज्ञापन दिया था जिस पर मुख्य मंत्री ने डीएम शामली को जांच कर कार्यवाही के आदेश दिये थे। तथा नरेंद्र मोदी व अमित शाह व राजनाथ सिंह व अध्यक्ष राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश को भी ज्ञापन दिए थें। दिनाक 20 अक्टूबर 2019 को एसडीएम ऊन सुरेंद्र सिंह ने धोटाला प्रकण की जाच कर रिपोट डीएम को प्रषित की जिस पर डीएम अखिलेश सिंह ने स्वयं गांव चौसाना में जाकर रिपोर्ट का भौतिक सत्यापन किया था।

सीएम योगी की जांच रिपोर्ट मे सरकारी जमीन की बंदरबांट साबित भी हुई तथा रिपोर्ट में पूर्व विधायक ठाकुर जगत सिंह व परिवार व अन्य भूमाफिया पर आरोप सही पाए गए साथ ही साथ प्रकरण एन्टी भूमाफिया शासनादेश के अन्तर्गत आता है ,की संस्तुति भी की गई। स्थानीय नेताओं व अधिकारियों ने भू माफियाओं से 22 लाख रूपये लेकर जांच रिपोर्ट को दबा दिया सीएम योगी जांच रिपोर्ट पर दो साल बाद भी ठाकुर भू माफिया पर कोई कार्यवाही नहीं करा पाये।

इससे पूर्व विजय सिंह ने दिंनाक 30 मार्च 2012 को मुजफ्फरनगर से लखनऊ मा. मुख्यमंत्री निवास तक 19 दिन मे 600 कि0मी0 की पैदल यात्रा कर 28 अप्रैल 2012 को मा. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाने की मांग की थी शासन स्तर पर उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन हुआ बाद में भू माफियाओं के सपा में आ जाने के कारण राजनीतिक दबाव के कारण कोई कार्यवाही नहीं हुई जांच कमेटी आय का साधन पर मखोल बन कर रह गई। 26 साल से भू माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही न किए जाने को लेकर आहत विजय सिंह इस चुनाव में जन सामान्य को अपना दर्द बताने के लिए योगी के खिलाफ चुनाव लड़ने अखिलेश यादव के विरुद्ध पर्चे बांटने की घोषणा की थी प्रस्तावको के डर जाने के कारण उनका पर्चा तो नहीं भरा जा सका बाद मे उन्होंने योगी व अखिलेश की विधानसभा क्षेत्रों में पर्चे बांटकर जन सामान्य को अपने दर्द का एहसास कराया।

◆अंडरवियर सुखाने पर दर्ज हुआ था मुकदमा

योगी शासन मे तत्कालीन जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी ने मास्टर विजय सिंह का धरना कचहरी से हटवा दिया था व्यक्ति जिसके बाद वे शिव चौक पर जाकर धरने पर बैठ गए थे। यही नहीं विजय सिंह के खिलाफ अंडरवियर सुखाने को लेकर महिला लज्जा भंग किया का बेहुदा मुकदमा दर्ज करा दिया था बाद में यह मुकदमा खारिज कर दिया गया था।

◆अवैध हिरासत में रख अंजाम तक पहुंचाने का था इरादा

मास्टर विजय सिंह ने बताया कि सीएम की कराई जांच रिपोर्ट पर कार्यवाही की मांग के लिए वह 25 दिसंबर को लखनऊ गए थे जब वह एक पत्र टाइप कराने जा रहे थे तो जीपीओ पर लखनऊ एलआइयू इंस्पेक्टर अश्वनी सिंह ने हजरत गंज कोतवाली पुलिस से उन्हें अवैध हिरासत में लिवा लिया था।कोतवाली पर उन्हें पांच घंटे तक अवैध हिरासत में रखा गया एलआइयूी इंस्पेक्टर का इरादा अच्छा नहीं था लेकिन इस दौरान उनके एक मित्र ने कोतवाली पहुंचकर उन्हें छुड़वाया।

◆एकल व्यक्ति के धरने का बना विश्व रिकार्ड

यह धरना 25 सालों का धरना देश व दुनिया का एकल व्यक्ति का सबसे लम्बा धरना घोषित हो चुका है जिसे लिम्का बुक आफ रिकार्डस, इंडिया बुक आफ रिकार्डस, एशिया बुक आफ रिकार्डस, मीरा सैल्स आफ द वर्ल्ड रिकार्डस, यूनिक रिकार्ड आफ दी वर्ल्डस ने सबसे लम्बा सत्याग्रह दर्ज किया है।

◆कमिश्नर की जांच में साबित हुआ था अवैध कब्जा

बता दें मेरठ मंडल कमिश्नर एचएल बिरदी ने 1995 में सारे मामले की जांच कर सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जे की पुष्टि करते हुए शासन को कार्रवाई के लिए रिपोर्ट प्रेषित की थी। आइजी सीबीसीआइडी ने भी की थी अवैध कब्जे की पुष्टि मास्टर विजय सिंह की शिकायत पर शासन ने सीबीसीआइडी को जांच का जिम्मा सौंपा था। जहां आइजी सीबीसीआइडी एसी शर्मा (पूर्व डीजीपी उप्र.) ने जांच कर अवैध कब्जे की पुष्टि कर शासन को रिपोर्ट भेजी थी। लेकिन बसपा सरकार के दौरान प्रमुख सचिव गृह ने कार्यवाही का आदेश दिया था जिस पर जिला प्रशासन ने 300 बीघा भूमि अवैध कब्जा मुक्त कराई थी बाद में राजनीतिक हस्तक्षेप माफियाओं से सांठगांठ करते हुए कार्यवाही पर विराम लगा गया था।

सादा, झोपड़ी का जीवन, व प्रलोभन

26 साल के दौरान महात्मा गांधी व विनोवा के अनुयाई मास्टर जी गर्मी सर्दी बरसात 24 साल तक कचहरी के खुले बरामदे में रहे, बाद में शिव चौक पर आकर उन्होंने लाल सिंह मार्केट ऊपरी मंजिल पर एक घास फूस व बांस बल्ली की झोपड़ी में बनाकर साधारण जीवन व्यतीत कर रहे हैं वे अपना दैनिक कार्य खाना बनाना कपड़े धोना सफाई करना स्वयं करते हैं जो धोती कुर्ता साधारण कपड़े पहनते हैं अधिकतर पैदल चलते हैं आर्थिक अभाव के चलते उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वे अपने आंदोलन को ऊंचा उठा सकें।

धरने के 26 साल के दौरान उन पर कोई आरोप नहीं लगा उन्होंने कोई संपत्ति नहीं बनाई जो भी है वह पैतृक है उनके ऊपर कई लाख का कर्जा भी है। कई बार भू माफियाओं के द्वारा 4हजार बीघे का 10% यानी 400 बीधा करोड़ों रुपए की भूमि आंदोलन से हटने के लिए प्रलोभन देने का भी प्रयास किया जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। आज 26 साल पुरे होने के बाद और 27 वे वर्ष में प्रवेश करने पर अब योगी सरकार के बुलडोजरों जा इंतेजार मास्टर विजय सिंह को भी है।

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