खतौली सीट पर भाजपा को चुनौती देंगे कवाल कांड में मारे गए गौरव के पिता रविंद्र कुमार, पत्नी सुरेश देवी को लड़ाएंगे खतौली से उपचुनाव
खबर वाणी भगत सिंह
मुज़फ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के जनपद मु० नगर में 2013 के दंगों से सत्ता का सुख पाने वाली भाजपा को अब कव्वाल गांव से ही लगने वाला है बड़ा झटका, कवाल कांड में मारे गए सचिन – गौरव के परिवार के लोगों ने बढ़ाई भाजपा नेताओं सहित पार्टी की मुसीबत किसी तरह की सुविधा,सहारा न मिलता देख अब गौरव की माँ खतौली उपचुनाव में निर्दलीय प्रतियाशी के रूप में उतरेंगी मैदान में आज गौरव के पिता का फूटा दर्द भाजपा नेताओं पर गम्भीर आरोप लगाए।
उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव के चुनावी अखाड़ा तैयार होने पर चुनावी कार्यक्रम घोषित करने के बाद सभी राजनीतिक दलों में जहां हलचल तेज हो गई तो वहीं जनपद मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर भी होने जा रहे उपचुनाव में जहां भारतीय जनता पार्टी इस सीट पर अपनी साख बचाने के लिए प्रत्याशी के चयन पर विचार कर रही है तो वही इस सीट को हथियाने के लिए राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन के अलावा अन्य कई दलों के अलावा कुछ निर्दलीयों की भी निगाह अब बन चुकी है।
सबसे खास बात यह है कि इस सीट पर इस बार भारतीय जनता पार्टी को अपनों की ही नाराजगी झेलनी पड़ सकती है क्योंकि शुक्रवार को मुजफ्फरनगर के कवाल में हुए 2013 के दंगे में मारे गए फुफेरे ममेरे भाइयों सचिन और गौरव का नाम हर चुनाव में लिया जाता है और कवाल कांड में मारे गए सचिन और गौरव के नाम पर ही प्रत्येक चुनाव में भाजपा चुनाव जीतती आ रही है। मगर इस बार गौरव के पिता रविंदर कुमार भाजपा से काफी नाराज दिख रहे हैं जिसके चलते उन्होंने शुक्रवार को नामांकन पत्र खरीद कर तमाम भाजपाइयों में खलबली मचा दी है।
खतौली विधान सभा उप चुनाव में इस बार कवाल गांव का नाम फिर से सुर्ख़ियो में आ गया है यहां चुनाव लड़ने के लिए मैदान में कूद पड़े रविंद्र कुमार का आरोप है कि भाजपा 2013 में हुए दंगों के बाद से ही सचिन और गौरव के नाम को भुना रही है। मगर उनके नाम पर आज तक कहीं एक ईंट तक नहीं लगाई गई है इस बार वे सचिन और गौरव के नाम को नहीं भुनाने देंगे और दमदारी के साथ भाजपा को चुनौती देने का काम करेंगे और सच्चाई सबके सामने लाकर रहेंगे।
कि किस तरह भाजपा ने हमें दंगे के नाम पर भुनाया है मगर हमें आज तक कोई भी फायदा नहीं हुआ है, उन्होंने भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया है कि वें दूसरे नेताओं की कोली भरते फिर रहे है हमारी ही क्या दुश्मनी है झगड़े तो पता नही कितने हो चुके है। जब वें भूल सकते है तो हम भी भूलकर आपस में भाईचारा बनाना चाहते हैं उन्होंने कहा कि जो दंगे हुए हैं उनका सभी को पता है किसने कराए हैं उन्होंने कहा कि विक्रम सैनी को हीरो बनाने का प्रयास किया जा रहा है सबको पता है कि विक्रम ने क्या किया था कव्वाल में 2 दिन बाद दंगा करा कर इन लोगों ने निर्दोष जनता मरवा दी।
रविंद्र कुमार ने बताया कि हमने उस समय भी मीडिया में बताया था कि निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं उनका कोई दोष नहीं था जो यह नेता है यह तो सब एक हो गए और जनता खामखा मर गई उन्होंने कहा कि आजम खान को गाली दे देकर यह लोग नेता बन गए अमीर आलम जो दंगे का मुख्य दोषी था उसकी कोली भरते फिरते हैं मेरे पास सब फोटो है।
आज चुनाव आया तो आज फिर दंगे का जिक्र शुरू कर दिया उन्होंने भाजपा के बड़े नेताओं को बिना नाम लिए कहा कि मैं नेताओं और इस पार्टी को कहना चाहता हूं कि आज तक इन्होंने मलिकपुरा में एक ईंट भी लगाई हो? हर वर्ष आते हैं और फोटो खिंचवा कर चले जाते हैं जब तो प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष भी वायदे करते थे तो अब क्यों भूल गए, क्योंकि इन्होंने दंगा भुना लिया और हमारी अब इनको जरूरत नहीं रही अबकी बार हम इन्हें दंगा नहीं भुनाने देंगे हम जनता के बीच आएंगे और जनता को सारा सच बताएंगे हर सुख दुख में हम जनता के साथ हैं अब यह जनता फैसला करें किसको वोट देनी है किसको नहीं देनी।