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मुजफ्फरनगर में सात अध्यापकों पर FIR दर्ज, फर्जी पैनल के तहत पाई थी नियुक्ति, जांच हुई तो खुला राज

खबर वाणी भगत सिंह

मुज़फ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के नाम पर एक फर्जीवाड़ा उस समय सामने आया जब चयन बोर्ड के नाम से फर्जी पैनल बनाकर नियुक्ति और समायोजन दर्शाने वाले 7 शिक्षकों के खिलाफ दो अलग-अलग थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। बताया जा रहा है कि चयन बोर्ड की जांच में शिक्षकों की नियुक्ति फर्जी पाई गई है जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।

 

दरअसल मुजफ्फरनगर जनपद में खाली पदों में सेंधमारी की गई है जिसके चलते माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का एक फर्जी पैनल बनाकर दूसरे जनपदो से मुजफ्फरनगर में समायोजित किया गया था। जिसमें 3 शिक्षकों को जनपद के शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया गया था जिन्होंने फरवरी में छपार थाना क्षेत्र स्थित बरला इंटर कॉलेज में ज्वाइन भी कर लिया था। जिला विद्यालय निरीक्षक गजेंद्र कुमार की माने तो जो पैनल समायोजित के लिए आते हैं वह माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की वेबसाइट पर पड़े होते हैं और उनका एक मेल भी आता है लेकिन पिछले दिनों जनवरी के लास्ट में कुछ ऐसी रजिस्ट्री डाक द्वारा मुजफ्फरनगर के शिक्षा विभाग को प्राप्त हुई थी।

जिसके माध्यम से ऐसे लोगों के पैनल भेजे गए थे जिनको दूसरे जनपद से समायोजित करते हुए मुजफ्फरनगर जनपद में समायोजित किया गया था ऐसे 3 लोग यहां पर आए थे जिन्हें नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया गया था और फरवरी में उन्होंने छपार थाना क्षेत्र स्थित बरला इंटर कॉलेज में ज्वाइन भी कर लिया था।

इसी तरह से 4 लोगों की ओर डाक आने की सूचना मुजफ्फरनगर शिक्षा विभाग को मिली थी। जिसके बाद संदेह होने पर इसके वेरिफिकेशन के लिए माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड को जब सुचना भेजी गई तो यह जानकारी निकलकर सामने आई कि ये शिक्षक फर्जी हैं इस तरह का कोई भी पैनल माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से जारी नहीं किया गया था। जिसके बाद बरला इंटर कॉलेज में ज्वाइन करने वाले तीनों शिक्षकों के विरुद्ध वहां के प्रबंधक द्वारा छपार थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया तो वही दूसरी तरफ नगर के सिविल लाइन थाने में भी जनपद के शिक्षा विभाग द्वारा बाकी के 4 शिक्षकों पर भी मुकदमा दर्ज कराया गया है इस तरह 2 थानों में 7 फर्जी शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए मुजफ्फरनगर जिला विद्यालय निरीक्षक गजेंद्र कुमार ने बताया कि देखिए हमारे यहां जो इंटर कॉलेज होते हैं उन में दो तरह के टीचर रखे जाते हैं एक तो होते हैं प्रवक्ता और दूसरे होते एलटी ग्रेड के टीचर। इनकी जो नियुक्ति होती है वह माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के चयन होने के बाद होती है जो लोग चयन की प्रक्रिया में जो शामिल होते हैं उनकी मेरिट तैयार होती है मेरिट तैयार होने के बाद उनके फिर पैनल तैयार होते हैं और वे जिले में भेजे जाते हैं किस विद्यालय में किस विषय का अध्यापक जाएगा इस तरह की की व्यवस्था होती है।

इनके सभी के जो पैनल आते हैं वह माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की वेबसाइट है उस पर पड़े होते हैं और एक मेल भी आते हैं लेकिन अभी पिछले दिनों जनवरी के लास्ट में कुछ ऐसी रजिस्टर्ड डाक आई जिनके माध्यम से ऐसे लोगों के पैनल भेजे गए थे जिनको समायोजित करते हुए दूसरे जनपद से मुजफ्फरनगर में समायोजित किया गया है तो वैसे तीन लोग हमारे यहां पर आए और उन लोगों को नियुक्ति पत्र जारी हो गए और उन्होंने इसी फरवरी में बरला इंटर कॉलेज बरला में उन्होंने जॉइन भी कर लिया। लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं थी और इसमें संदेशा क्योंकि इनकी वेबसाइट पर नहीं था तो हम लोगों को संदेह संदेह होने के कारण हमने इसकी वेरिफिकेशन के लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को भेजा तो यह जानकारी में आया माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से यह शिक्षक फर्जी है इस तरह का कोई पैनल माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन की ओर से जारी नहीं किया गया था इस तरीके के 3 लोग तो यह थे।

इसी तरीके के 4 लोगों की और डाक से आने की हमें पैनल से सूचना मिली क्योंकि पहले वाले की जो है स्थिति स्पष्ट हो चुकी थी उसमें लिख कर आ गया था कि यह फर्जी है उनको जॉइनिंग नहीं कराया गया था और उन चारों के भी जब वेरिफिकेशन आए तो वह भी फर्जी पाए गए इस तरीके से 7 लोग फर्जी पाए गए 3 लोग क्योंकि ज्वाइन कर चुके थे उसके लिए हमने प्रबंधक व प्रधानाध्यापक को लेटर लिख दिया आप इनकी नियुक्ति तत्काल निरस्त करते हुए इनके खिलाफ एफ आई आर कराएं।

कल जहां उनकी नियुक्ति मैनेजमेंट ने अपने कमेटी में प्रस्ताव पास करते उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी है क्योंकि उन्हें कोई पेमेंट नहीं हुआ था और यह मैटर अभी छानबीन में ही था यह बहुत अच्छा हुआ की नियुक्ति पत्र के बाद इनकी पेमेंट निकल पाती उससे पहले यह पकड़ में आ गए जिन चार ने अभी ज्वाइन नहीं किया था उनकी एफ आई आर विभागीय द्वारा यहां सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई है। और जिन तीन ने ज्वाइन किया था उनके एफ आई आर वहां प्रबंधक ने छपार थाने में की है इस तरह से  7 लोग हैं जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है और जो तीन की नियुक्ति हो गई थी उसको भी निरस्त किया गया है।

इस तरह की संभावना है कि कोई इस तरह का गैंग काम कर रहा है दूसरे जनपदों में भी इस तरह की स्थिति हो सकती है जो इस तरह की के पैनल है हम लोगों से चूक हुई है लेकिन हम लोगों ने इस चूक को सही कर लिया है मेरा सभी साथियों से सलूशन है कृपा वेबसाइट पर और जो मेल पर आते हैं पैनल उन्हीं को ज्वाइन कराएं और इस तरह की स्थिति नहीं होगी यह जो है और यह लोग जो है डेमोरलाइज हो जाएंगे क्योंकि अब कार्यवाही भी शुरू हो गई है  भविष्य में पुलिस इनकी जानकारी लेगी और इन्वेस्टिगेशन होगा तो जरूर इस तरह के लोग पकड़े जाएंगे जो इस तरह का रैकेट चला रहे हैं वे भी पकड़ में आ जायेंगे।

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