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670 लाख की भूमि को मात्र 250 लाख में नीलामी के माध्यम से बेचने की है तैयारी

जीडीए के कमर्शियल विभाग तैनात अधिकारियों का अजब गजब कारनामा, प्राधिकरण के उच्च अधिकारी को गुमराह कर रहे हैं संपत्तियों में गोलमाल

पवन अरोड़ा

गाजियाबाद। जीडीए में इन दिनों कुछ अधिकारियों द्वारा चंद लोगों को लाभ पहुंचाने की नियत से मिलीभगत कर जीडीए की बेशकीमती संपत्तियों को ठिकाने लगाया जा रहा है। इसी कड़ी तहत आज कमर्शियल विभाग द्वारा नीलामी के माध्यम से 10 क्योंशक को बेचने की तैयारी की है काबिले गौर है कि महानगर का पोश एरिया राजनगर के आरडीसी क्षेत्र स्थित दुबई मॉल के सामने जीडीए की 335 वर्ग मीटर भूमि पर यह दुकाने बनी हुई है और प्राधिकरण मैं एक दुकान का आरक्षित मूल्य करीब 25 लाख रुपए रखा है जिसे नीलामी के माध्यम से आवंटन किया जाएगा।

प्राधिकरण की यह नीलामी प्रक्रिया शंकाओं के घेरे में आ गई है क्योंकि राजनगर के आरडीसी में स्थित इन दुकानों की जमीन का बाजार मूल्य 2 लाख प्रति वर्ग मीटर है इस हिसाब से इस 335 वर्ग मीटर भूमि का मूल्य 670 लाख रुपए बैठता है मगर प्राधिकरण के कमर्शियल विभाग में तैनात अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों को गुमराह कर इन दुकानों को नीलामी के माध्यम से मात्र ढाई सो लाख में बेचने की तैयारी कर ली है आज होने वाली नीलामी के माध्यम से कुछ चुनिंदा लोगों को इसका आवंटन किया जाएगा प्राधिकरण के सूत्रों के अनुसार प्राधिकरण में तैनात कुछ अधिकारी इन दिनों तरह तरह के रास्ते निकाल कर प्राधिकरण की संपत्तियों को ठिकाने लगा रहे हैं इससे पूर्व भी जीडीए के सामुदायिक केंद्रों/बरात घरों को प्राधिकरण के अधिकारियों ने मिलीभगत कर अपने खास लोगों को लीज पर दे दिया है। सूत्र बताते हैं लीज पर दिए गए बरात घरों की बाजार कीमत अरबों रुपए में है परंतु इन्हें मात्र कुछ लाख रुपए की लीज पर आवंटन कर दिया गया है।

जिसकी वजह से प्राधिकरण को कई करोड़ रुपए की हानि उठानी पड़ी हैकाबिल एक और बात यह है कि इससे पूर्व भी आरडीसी स्थित प्लॉटों की नीलामी प्राधिकरण द्वारा 2 लाख रुपए प्रति वर्ग गज मीटर उच्च अधिकारियों की देखरेख में बेची जा चुकी है।आजकल उच्च अधिकारियों को गुमराह कर इस तरह कारनामे प्राधिकरण में तैनात कुछ अधिकारियों द्वारा लगातार किए जा रहे हैं। अगर यह कार्य प्रणाली इसी तरह जारी रहे तो जीडीए को आने वाले दिनों में आर्थिक कंगाली का मुंह देखना पड़ सकता है।

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