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16 साल बाद बेगुनाह हुआ बरी, कानून के दाव पेच में फंसा था बुजुर्ग, परिजनों को हालत भी हो चुकी थी माली

खबर वाणी भगत सिंह

मुज़फ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में एक बेगुनाह 70 साल के बुजुर्ग ट्रक ड्राईवर को हत्या के एक झूठे मुक़दमे से बरी होने में 16 साल लग गए। इस दौरान इस बुजुर्ग ट्रक ड्राईवर को तक़रीबन डेढ़ साल तक जेल में भी रहना पड़ा। जिसके चलते जहाँ इनकी पत्नी को पैरालाइज हो गया तो वही इनके एक लोते बेटे की नौकरी भी छूट गई।

दरअसल 19 जनवरी 2006 को मुज़फ्फरनगर जनपद की इंद्रा कॉलोनी निवासी शरमानंद शर्मा ने थाना सिविल लाइन को सूचना दी थी ,कि उनके ट्रक का ड्राइवर राकेश ट्रक में मृत पड़ा है। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर जाँच पड़ताल करते राकेश की मौत को एक्सीडेंटल मानते हुए अपनी आगे की कार्यवाही शुरू कर दी थी।

उस समय इस मामले में मृतक ड्राईवर राकेश के भाई विनोद ने ट्रक मालिक शरमानंद शर्मा और उसके बेटे अमित पर पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया था।मामले की जांच के दौरान पुलिस ने इसमें शरमानंद के दूसरे ड्राइवर भोपाल शर्मा को भी आरोपी बना दिया था। भोपाल शर्मा को ट्रक की जमानत कराने के लिए ट्रक मालिक शरमानंद शर्मा सामने लाया था। जाँच के दौरान पुलिस द्वारा 2009 में मुकदमे को हत्या की धाराओं में तब्दील कर दिया गया था।

मुकदमे की सुनवाई के दौरान आरोपी शरमानंद शर्मा की मौत हो गई थी। जिसके चलते तारीख पर न जाने से दूसरे आरोपी भोपाल सिंह के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट (एनबीडब्लू) जारी कर दिए थे । काफी दिनों तक कोर्ट में पेश न होने पर पुलिस ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था।

जिसके बाद पुलिस ने 24 जनवरी, 2021 को भोपाल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तक़रीबन डेढ़ साल तक जेल में रहने के बाद एडीजे-10 कमलावती की कोर्ट में इस केस की सुनवाई हुई।जिसमे गवाह के पक्षद्रोही होने पर साक्ष्य के आभाव में भोपाल शर्मा को 8 अप्रैल 2022 को बरी कर दिया था।

बरी होने के बाद भोपाल सिंह शर्मा को कोर्ट के आदेश पर जेल से रिहा तो कर दिया गया। लेकिन 16 साल तक कचहरी के चक्कर काटने के दौरान उनकी पत्नी को ब्रेन हेमरेज हो गया,और कोर्ट में पैरवी करते करते उनके बेटे की नौकरी तक छूट गई।जिसके चलते अब ये बेगुनाह ट्रक ड्राईवर भोपाल सिंह शर्मा पूरी तरह टूट चूका है।

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