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सरकारी अस्पताल से फाइल गायब होने पर प्राइवेट डॉक्टर को बैठना पड़ा धरना प्रदर्शन पर, सीएमओ बोले दबाव बनाकर करना चाहते है काम

खबर वाणी संवाददाता

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में स्थित सीएमओ कार्यालय उस वक्त जंग का अखाड़ा बन गया जब एक प्राइवेट डॉक्टर किसी मशीन के कैंसिलेशन कागजात को लेने पहुंचे तो पाया कि उसकी तो फाइल ही अस्पताल ऑफिस से गायब है, गुस्साए डॉक्टर साहब शहर के अन्य डॉक्टरों सहित भाजपा नेताओं को खबर कर खुद ए सीएमओ के कमरे में धरना देकर बैठ गए यह धरना प्रदर्शन देर शाम से लेकर देर रात तक चलता रहा, जहां धरना प्रदर्शन की सूचना के घंटों बाद सीएमओ महावीर सिंह फौजदार एवं एसडीएम सदर परमानंद झा भी मौके पर पहुंचे जहां सीएमओ महावीर सिंह फौजदार ने बताया कि न ही तो उक्त डॉक्टर उनसे पहले कभी मिले हैं और ना ही उन्होंने किसी तरह का कोई कागज या कोई एप्लीकेशन ही हमें दी है ,यह लोग भाजपा नेताओं सहित भीड़ एकत्रित कर दबाव में अपना काम कराना चाहते हैं जिस मशीन की कैंसिलेशन कागजात की यह बात कर रहे हैं वह फाइल ढूंढू कर वह कागज इन्हें दे दिया जाएगा।

सीएमओ महावीर सिंह फौजदार धरना दे रहे डॉक्टर के पास भी पहुंचे और उन्हें मनाने का प्रयास किया साथ ही साथ मौके पर पहुंचे एसडीएम सहित अन्य भाजपा नेताओं व डॉक्टरों ने भी धरना देने वाले डॉक्टर को मनाना चाहा लेकिन देर रात तक भी धरना रत डॉक्टर मानने को तैयार नहीं हुआ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में किस तरह भ्रष्टाचार अपने चरम सीमा पर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां एक प्राइवेट डॉक्टर को अपनी एक मशीन बेचने के लिए कैंसिलेशन कागज बनवाने के लिए तीन महीनों तक सीएमओ कार्यालय के चक्कर काटने पड़े थक हार कर आज पीड़ित डॉक्टर सीएमओ कार्यालय पर धरना देकर बैठ गए जिनके साथ शहर के समाजसेवी प्रबोध एवं भाजपा नेता भी सीएमओ कार्यालय पर धरना देने में शामिल रहे।

यहां सभी ने मुजफ्फरनगर के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का बोलबाला होने का खुला आरोप लगाया है। धरना प्रदर्शन करने वाले प्राइवेट डॉक्टर अनुभव सिंघल की माने तो उनकी फाईल ही यहाँ गुम कर बाबू और अन्य अधिकारी नदारद हो चुके है।

डॉक्टर की माने तो पिछले 3 माह से वे उनके द्वारा दी गई एक मशीन के रजिस्ट्रेशन कैंसिलेशन की फाइल के चक्कर में यहां सीएमओ दफ्तर के चक्कर काट रहे है, लेकिन यहां के भ्रष्ट अधिकारी /कर्मचारी उक्त कैंसिलेशन फाइन को हमें नहीं दे रहे बिना कैंसिलेशन कागजों के वे न तो उक्त मशीन को कहीं बेच सकते हैं, और ना ही कहीं अपनी डॉक्टरी का ही काम कर सकते हैं। उधर एसीएमओ का कहना है कि इनकी फाइल कहीं भी गुम नहीं हुई है फाइल ऑफिस में ही कहीं ना कहीं है जिसे ढूंढवा कर इनका निस्तारण कराया जाएगा।

बता दे यहां सीएमओ दफ्तर पर प्राइवेट डॉक्टर के धरना प्रदर्शन के मामले की शिकायत मिलने के घण्टो बाद खुद सीएमओ महावीर सिंह फौजदार एवं एसडीएम सदर परमानंद झा पहुंचे हैं। जहां उन्होंने धरना दे रहे डॉक्टर, भाजपाइयों, सहित समाजसेवियों को समझा-बुझाकर शांत किया तो वहीं सीएमओ फौजदार ने बताया कि इनका जल्द ही निस्तारण कराया जा रहा है।

बड़ा सवाल पिछले कई घंटों से धरना रत डॉक्टर की सुध लेने स्थानीय बीजेपी नेता और समाजसेवी तो पहुंच गए थे लेकिन जिला प्रशासन के किसी भी बड़े अधिकारी ने मोके पर पहुंचना गंवारा नही समझा।बता दे गत दिनों खुद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक  मुजफ्फरनगर जिला अस्पताल का दौरा कर चुके हैं, जिन्हें मुजफ्फरनगर जिला चिकित्सालय की तमाम व्यवस्थाएं बेहतर और सही दर्शा कर बंद कर दी गई थी। तमाम शिकायती भरी फाइलें, बड़ा सवाल कि आखिर इतना बड़ा मामला होने के बाद भी जिला प्रशासनिक अधिकारी क्यों नही संज्ञान ले रहे है।

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